धान का सूत्रकृमि रोग

राज्य में धान उगाए जाने वाले सभी क्षेत्रों में धान की जड़ में सूत्रकृमि की समस्या है। सेेम वाले क्षेत्रों में यह समस्या अत्यधिक है।यह स्थान बदलने वाला अंत:परजीवी सूत्रकृमि जड़ों के अन्दर घुसकर पूरी बढ़वार के समय तक फसल को हानि पहुंचाता है।प्रभावित जड़ें भूरी से लाल-भूरे रंग की हो जाती हैं और उनकी बढ़वार रुक जाती है।पौधे पीले हो जाते हैं,फुटाव कम होता है और जड़ों व तनों की बढ़वार में कमी जातीहै जिससे पैदावार भी कम होती है।

रोकथाम:

     पनीरी बोने से पहले नर्सरीशय्या में  3-4 ग्राम फ्युराडान-3 जी (कार्बोफ्यूरानका 13 किलोग्राम प्रति एकड़ (3.3 ग्राम प्रति वर्ग मीटर ) की दर से डालें।

     खेत को खरपतवारों से मुक्त रखें।