आर एच 9801 (स्वर्ण ज्योति) : इस किस्म को लाईन आर. सी. 1670 से विकसित किया गया है तथा केन्द्र ने देश के जोन-3 (उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल, मध्यप्रदेश व राजस्थान के कुछ हिस्सों) के लिए वर्ष 2002 में अनुमोदित किया है।
इस किस्म की सारे हरियाणा के सिचिंत क्षेत्रों के लिए पछेती बिजाई में सिफारिश की जाती है।
इसकी औसत उपज 7-8 क्विंटल प्रति एकड़ है व इसको नवम्बर के अन्त तक भी बीजा जा सकता है।
यह 125-130 दिन में पक कर तैयार हो जाती है तथा इसमें तेल की मात्रा 40 प्रतिशत है।
इसका दाना मध्यम आकार का (4.0 ग्राम/1000 बीज) है पकने के समय इसकी फलियां नहीं झड़तीं। |