जस्ते की कमी के लक्षण व उपचार
लक्षण :
जौ की फसल में प्राय: जस्ते की कमी हो जाती है।फुटाव से पहले पत्तियों की शिराओं के मध्य अनियमित धब्बे बन जाते हैं। ये धब्बेबाद में बड़े होकर मिल जाने पर सफेद व हरी चित्तियों में बदल जाते हैं। कमी वालेपौधों की पत्तियों पर बैंगनी रंग के धब्बे हो जाते हैं। नर्इ पत्तियां बढ़ती नहींहैं तथा उनके किनारे सफेद हो जाते हैं।
• उपचार : भूमि में यदि जस्ते कीकमी है, डी. टी. पी. ए. निष्कर्षणीय जस्ता 0.35 पी. पी. एम. से कम है, तब 10-20 किलोग्राम जिंक सल्फेटप्रति एकड़ कपास या जौ की बिजार्इ से पहले आखिरी जुतार्इ पर खेत में बिखेर करमिट्टी में मिला दें। खड़ी फसल में जस्ते की कमी के लक्षण प्रकट होने पर 0.5 प्रतिशत जिंक सल्फेट व 2.5 प्रतिशत यूरिया का घोलबनाकर 15-15 दिन के अन्तर पर दोस्प्रे करें।