जलवायु

       जौ एक खाधान्न एवं औद्योगिक फसल है। कृषि जलवायु की कठिन परिस्थितियों में भी इसे सफलता पूर्वक उगाया जा सकता है। 

  •       बोते समय इसे नम, बढ़वार  के समय ठंडी और फसल पकने के समय सूखा  तथा  अधिक तापमान शुष्क वातावरण की आवश्यकता होती है। 

  •        बिजाई के समय  अनुकूल तापमान 25-30 डिग्री सेंटीग्रेट उपयुक्त माना जाता है। फसलवृद्धि के समय 12 से 15 डिग्री  सेल्सियस औसत तापमान तथा पकने के समय 30 डिग्री  सेल्सियस औसत तापमान की आवयकता होती है।  

  •       अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी में जौ की फसल अच्छी होती है। रेतीली और कमजोर जमीन में भी यह सफलतापूर्वक उगाया जा सकता है। बारानी इलाकों में थोड़ी-सी वर्षा से भी जौ की फसल अच्छी हो जाती है।

  •         हरियाणा में इसे मुख्यत: रबी मौसम में उस भूमि में उगाया जाता है जहां सिंचार्इ की सुविधा ठीक से उपलब्ध नहीं होती। हरियाणा के पश्चिमी क्षेत्र सिरसा,हिसार, भिवानी, महेन्द्रगढ़,रेवाड़ी, जींद. रोहतक गुड़गांव जिलों में जहाँ जलवायु कुछ खुश्क है तथा वार्षिक वर्षा 500 मि.मी. से कम है। इस क्षेत्र की मिट्टी हल्की दोमट है तथा सिंचार्इ सुविधाओं की भी कमी के कारण  इस क्षेत्र में जौ की फसल उगार्इ जाती है।