बाजरा में समेकित रोग प्रबंधन
बिजाई के समय बीज उपचार :
· बिजाई के समय बीज में अरगट (चेपा)के पिंड न हों। यदि बीज में अरगट के पिंड हो तो हाथ से चुनकर बाहर निकालदें।
• 10%नमक के घोल में 10 मिनट तक बीज को रखें तथा ऊपरतैरते हुए पिण्डों को निकाल दें और बाद में इन्हें जलाकर नष्ट करदें। नीचे बैठे भारी स्वस्थ बीज को बाहर निकाल लें और साफ पानीसे अच्छी तरह धोकर बीज को छाया में सुखा लें।
• बिजाई करने से पहले बीजोपचार अवश्य करें तथा ऐसे बीज को बोनेसे पहले 2 ग्राम एमीसान या 4 ग्राम थाइरम प्रति
किलोग्राम बीज कीदर से सूखा उपचार करें।
· यदि बीज पहले से उपचारित न हो तो डाऊनी मिल्ड्यू (जोगिया याहरी बालों वाला रोग)की शुरुआती रोकथाम के लिए बीज को मैटालेक्सिल 35% से 6 ग्राम प्रति किलो ग्राम बीज के हिसाब से भी उपचारित कर देना चाहिए।
रोगग्रस्त पौधों को निकालना :
पत्तों पर ज्यों ही डाऊनी मिल्ड्यू रोग केलक्षण दिखार्इ पड़ें, इन्हें उखाड़ कर नष्ट कर दें, उखाड़े हुए रोगग्रस्त पौधों का सम्पर्क स्वस्थ पौधों से न हो। यह काम बुवार्इ के20 दिन के अन्दर अवश्य ही करना चाहिए। मध्यम से
अधिक पौधे निकाल देने की सूरत में वहां स्वस्थ पौधे रोप दें।
रोगग्रस्त पौधों को निकालने के बाद,फसल पर 0.2% जाइनेब या मैन्कोजेब के घोल (500 ग्राम दवा व 250 लीटर पानी प्रति एकड़) का छिड़काव करें।
फसल में छिडकाव : फसल में पत्तों से बालें बाहर आने वाली अवस्था में बालों पर400मि.ली. क्यूमान एल का 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रतिएकड़ की दर से छिड़काव करें।