ई-मौसमएचएयू कृषि सेवा
कृषि मौसम विज्ञान विभाग
चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार (भारत)
होम
वर्तमान मौसम
मौसम पूर्वानुमान
उपग्रह चित्र
फसल प्रबंधन
खरीफ फसल
बाजरा
ग्वार
मक्की
धान
नरमा/कपास
बासमती धान
दलहनी फसलें
रबी फसल
जौ
चना
शरदकालीन मक्की
गेहूं
शरदकालीन गन्ना
सरसों
फल/फूल प्रबंधन
सब्जी उत्पादन
बेल वाली सब्जियां
टमाटर
आलू
मिर्च
प्याज
लहसुन
मटर
जड़ वाली सब्जियां-गाजर मूली शलगम
गोभी वर्गीय सब्जियां
पालक
भिण्डी
बैंगन
मसाले वाली सब्जियां
बागवानी फसलें
निम्बूवर्गीय फसलें
अमरुद
बेर
आम
आंवला
चीकू
आड़ू
नाशपाती
लीची
अंगूर
पपीता
जामुन
अनार
अलूचा
फूलों की खेती
गुलाब
ग्लैडिओलस
गेंदा
कारनेशन
रजनीगंधा
गुलदाउदी
बोगनविलिया
वार्षिक पुष्प
साप्ताहिक मौसम आधारित कृषि सलाह
खरीफ की फसल
सप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान
रबी फसल
सब्जियां व फलदार पौधे
प्रतिक्रिया
English
खरपतवार नियन्त्रण
फसल की अच्छी बढ़वार के लिए 2-3 निराई-गोडाई करें।
प्याज में रोपाई से पहले या रोपाई के 10 दिन के अन्दर राफ्ट 667 ग्राम या गोल नामक रसायन 340 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 60 किलोग्राम बालू रेत में मिलाकर प्रयोग करने पर अथवा सिंचाई के बाद इन्हीं रसायनों का छिड़काव करने पर खरपतवारों पर अच्छा नियन्त्रण पाया जा सकता है।
एक गुड़ाई रोपाई के 45 दिन बाद अवश्य करें।
निराई-गुड़ाई व रासायनिक खरपतवार नियन्त्रण दोनों साथ-साथ अधिक लाभप्रद होते हैं।
फ्लुक्लोरालिन 400-500 ग्राम प्रति एकड़ (बासालीन 45% 0.9-1.1 लीटर) का रोपाई के समय छिड़काव करके मिट्टी में मिला दें या पैन्डीमैथालिन 400 से 500 ग्राम प्रति एकड़ (स्टोम्प 30% 1.3-1.7 लीटर) का छिड़काव रोपाई के 8-10 दिन बाद करना चाहिए।
जब पौधे व्यवस्थित हो जाते हैं और खरपतवार निकलने शुरू हो जाते हैं। इस दवाई का घोल एक एकड़ फसल में छिड़काव करने के लिए 250 लीटर पानी में बनाते हैं। यदि 50 से 60 दिन बाद खरपतवार पुनः निकलते हैं तो एक निराई करना लाभप्रद है।
खरीफ प्याज
उन्नत किस्में
भूमि की तैयारी
पौध तैयार करना
गंठी तैयार करना
रोपाई विधि
खाद एवं उर्वरक
सिंचाई
फसल की कटाई खुदाई
प्याज का भण्डारण
खरपतवार नियन्त्रण
Sub-Footer Section