तना गलन
लक्षण :
तनों पर लंबे आकार के भूरे जलसिक्त धब्बे बनते हैं, जिन पर बाद में सफेद फफूंद की तह बन जाती है। ये लक्षण पत्तों तथा टहनियों पर भी नजर आ सकते हैं। फूल निकलने या फलियां बनने के समय आक्रमण होने पर तने टूट जाते हैं और पौधे मुरझाकर सूख जाते हैं। ऐसे पौधों के तनों पर या तनों के भीतर काले रंग के पिंड (स्कलरोशिया) बनते हैं।
रोकथाम:
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बिजाई से पहले 2 ग्राम कारबेन्डाजिम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें।
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जिन क्षेत्रों में तना गलन रोग का प्रकोप हर साल होता है वहां बिजाई के 45-50 दिनतथा 65-70 दिनके बाद कारबेन्डाजिम का 0.1% की दर से दो छिड़काव करें।
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