सफ़ेद रतुआ

लक्षण:

तने तथा पत्तियों पर सफेद अथवा पीले क्रीम रंग के कील से प्रकट होते हैं। तने फूल बेढंगे आकार के हो जाते हैं। जिन्हें स्टेग हेड कहते है। यहज्यादापछेतीफसलमेंअधिकहोताहै।

रोकथाम :

  • आल्टरनेरिया ब्लाईटफुलिया और सफेद रतुआ की रोकथाम के लिएपहली फसल के बचे हुए रोगग्रस्त अवशेषों को नष्ट करें। 
  • बीमारी के लक्षण नज़र आते ही  600 ग्रामेन्कोजैब (डाइथेन याइन्डोफिल एम-45) को 250 से 300 लीटर पानी में मिलाकर प्रतिएकड़ की दर से 15 दिन के अन्तर पर 3-4 बार छिड़काव करें। 
  • फसल की बिजाई सिफारिश किये गये समय पर करें।