खाद प्रबंधन

खाद की मात्रा (मिट्टी परीक्षण के आधार पर खाद दें)

नाइट्रोजन 60 किलोग्राम /एकड़   या यूरिया (46%) 135 किलोग्राम /एकड़

फास्फोरस 20 किलोग्राम /एकड़ या सिंगल सुपर फास्फेट(16%) 125 किलोग्राम /एकड़

पोटाश    20 किलोग्राम /एकड़ या म्यूरेट ऑफ पोटाश (60%) 35 किलोग्राम /एकड़

नोट:      

Ø  शरद्कालीन फसल में अन्तर्वर्ती फसलों में सिफारिश किए गए उर्वरकों की मात्राएं दें। अन्तर्वर्ती फसल बोते समय पूरा फास्फोरस, पूरा पोटाश 1/3 नत्रजन बिजार्इ के समय, 1/3 नत्रजन अन्तर्वर्ती फसल काटने के बाद तथा 1/3 नत्रजन जून के दूसरे पखवाड़े में या मानसून शुरू होने पर डालें।

Ø  यदि गन्ना बलुर्इ-दोमट भूमि में बोया जाए तो 10 किलो जिंक सल्फेट प्रति एकड़ बिजार्इ के समय डालें।

जस्ते की कमी के लक्षण उपचार

लक्षण:  बिजार्इ के पांच या : सप्ताह बाद पत्तियों की मध्य शिरा के पास सफेद-पीली धारियों या पट्टियों का प्रकट होना जस्ते की कमी का विशिष्ट लक्षण है। कमी के लक्षण नीचे की पत्तियों के आधार से आरम्भ हो कर पत्ती की नोक की तरफ बढ़ते हैं। बाद में ऊपर की 2-3 पत्तियों को छोड़कर अन्य सभी पत्तियां भी प्रभावित हो जाती हैं।

उपचार : भूमि में यदि जस्ते की कमी है (डी.टी. पी. . निष्कर्षणीय जस्ता 0.6 पी. पी.एम. से कम है) तो 10 कि.ग्रा. जिंक सल्फेट प्रति एकड़ आखिरी जुतार्इ से पहले खेत में बखेर कर जुतार्इ कर दें। यदि खड़ी फसल में जस्ते की कमी के लक्षण दिखार्इ दें तब 0.5 प्रतिशत जिंक सल्फेट और 2.5 प्रतिशत यूरिया के घोल का छिड़काव 10-15 दिन के अन्तर पर तब तक करते रहें जब तक कमी के लक्षण दूर हो जायें।