खरपतवार नियन्त्रण
बिजार्इ के7-10 दिनबाद अंधी गुड़ार्इकरके सुहागालगा देना चाहिए।खरपतवार कीस्थिति केअनुसार 2या 3निरार्इ-गोड़ार्इकरनी चाहिएं। फसलमें मोथा (डीला)व दूब घासको खत्म करनेके लिए सिंचार्इके बाद गोड़ार्इकरना आवश्यकहै।
खरपतवार |
रसायन का नाम |
मात्रा (किलोग्राम या लीटर प्रति एकड़) |
प्रयोग विधि |
सामान्य खरपतवार |
एट्राजीन-50 घुलनशील पाऊडर |
1.6 किलोग्राम |
250-300 लीटर पानी में घोलकर बिजार्इ के तुरंत बाद प्रति एकड़ छिड़काव करें
यदि बिजार्इ के समय नहीं डाल पाते तब पहली सिंचार्इ के बाद गोड़ार्इ करके एट्राजीन का खड़ी फसल में छिड़काव करें |
चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार |
2, 4-डी (80 प्रतिशत सोडियम नमक) |
एक किलोग्राम |
250 लीटर पानी में बिजार्इ के 7-8 सप्ताह बाद प्रति एकड़ छिड़कें |
मोथा घास |
2, 4-डी र्इस्टर |
400 मि.ली. |
प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें
यदि मोथा घास दोबारा उग जाए तो दवार्इ की इसी मात्रा का फसल में छिड़काव करें। 2, 4-डी मोथा घास को ऊपर से ही नष्ट करती है |