करनाल बंट

लक्षण  :

  •        रोगग्रस्त दानों में काले रंग का पाऊडर बन जाता है इनसे सड़ी मछली जैसी गंध आती है। किन्हीं-किन्हीं बालियों में कुछ दानों पर इस बीमारी का प्रकोप होता है। यह रोग प्राय: प्रदेश के नमी वाले क्षेत्रों में अधिक पाया जाता है।

   रोकथाम:

     बीज जनित करनाल बंट के बीजाणुओं के लिए बिजाई के समय बीज का थाइरम 2 ग्राम या टैब्यूकोनाजोल (रैक्सिल-2 डी. एस.) 1 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से सूखा उपचार करें।

  सावधानियां :

    रोगग्रस्त खेतों में रोगग्राही किस्मों की बिजार्इ करें।

     डब्ल्यू एच 283, डब्ल्यू एच 542, राज 3765 डब्ल्यू एच 896 किस्मों में यह रोग कम लगता है।