नरमा/कपास में अन्य रसायन एवं हार्मोन का प्रयोग
उत्पादकता तथा गुणवत्ता में वृद्धि के लिए अन्य रसायन का प्रयोग
बायोविटा का प्रयोग
• आठ कि.ग्रा. बायोविटा दानेदार का छिड़काव बिजाई पर, 200 मि.ली. बायोविटा तरल का बौकी आने पर छिड़काव, 250 मि.ली. बायोविटा का छिड़काव फूल आने पर, 300 मि.ली. बायोविटा का छिड़काव टिण्डे बनने पर तथा 300 मि.ली. बायोविटा का छिड़काव टिण्डों के विकास पर प्रति एकड़ 60 लीटर पानी में मिलाकर करें।
यूरिया का पत्तों पर छिड़काव
•फसल को दी जाने वाली नाइट्रोजन की मात्रा में से 8 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति एकड़ का 2.5 प्रतिशत यूरिया का घोल के रूप में छिड़काव लाभदायक रहता है। इसमें कीटनाशक दवाइयों को भी मिला लें और फसल में फूल व टिण्डे लगते समय छिड़काव करें।
पोटाशियम नाइट्रेट का छिड़काव
•फसल में फूल आने पर एवं टिण्डे बनने के समय एक प्रतिशत पोटाशियम नाइट्रेट (2 किलोग्राम पोटाशियम नाइट्रेट व 200 लीटर पानी) का पत्तों पर छिड़काव करने से कपास की उत्पादकता तथा गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
हारमोंस का प्रयोग
फूलों को सड़ने तथा टिण्डों को गिरने से बचाने के लिए हारमोंस का प्रयोग
•फूलों को सड़ने तथा टिण्डों को गिरने से बचाने के लिए नेप्थलीन एसिटिक एसिड (एन.ए.ए.) का दो बार छिड़काव करना चाहिए। पहला छिड़काव 50सी.सी. प्रति एकड़ फूल आने के समय (अगस्त का दूसरा व तीसरा सप्ताह) व दूसरा छिड़काव 70 सी.सी. के हिसाब से पहले छिड़काव के 20 दिन बाद करना चाहिए।छिड़काव में खारे पानी का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
ज्यादा बढ़ने से रोकने के लिए हारमोंस का प्रयोग
•अमेरिकन कपास के ज्यादा बढ़ने से रोकने के लिए 32 मि.ली. साइकोसिल (50%) को 320 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ के हिसाब से फसल में बौकी आने के समय छिड़काव करें। इसमें कीटनाशक दवाइयां या यूरिया को भी मिलाया जा सकता है।