तना व फलछेदक सुंडी
तना व फल छेदक सूण्डी गुलाबी रंग की सुस्त सूण्डी है।
फल आने से पहले यह सूण्डी कोंपलों में छेद करके अन्दर पनपती रहती है जिससे कोंपलें मुरझाकर नीचे लटक जाती हैं और सूख जाती हैं।
फलों के अन्दर जाकर उनको काना कर देती हैं।
अधिक प्रकोप मई से अक्तूबर तक होता है।
रोकथाम
फूल आने से पहले जैसे ही इस कीट का प्रकोप शाखाओं पर दिखाई पड़े, 75 ग्राम स्पाईनोसैड 45 एस.सी. को प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर 15 दिन के अन्तर पर तीन छिड़काव करें।
बीज की फसल के लिए प्रोकलेम 5 एस. जी. 56 ग्राम प्रति एकड़ के तीन छिड़काव करें।
लाल अष्टपदी
लाल अष्टपदी पत्तों की निचली सतह पर पीले व लाल रंग के शिशु व प्रौढ़ जाला बनाकर रहते हैं।
इनके रस चूसने से पत्तों पर छोटे-छोटे सफेद धब्बे बन जाते हैं।
भीषण प्रकोप से फूल बनने में बाधा पड़ती है।
शुष्क मौसम में प्रकोप ज्यादा होता है।
रोकथाम
300 मि.ली. प्रैम्पट 20 ई.सी. (फैनपरोपैथ्रिन 15% पाइरिपरोक्सीफेन 5%) प्रति एकड़ को 200 लीटर पानी में मिलाकर फूल आने से पहले छिड़काव करें व 10-12 दिन के अंतर पर 2-3 बार दोबारा छिड़काव करें।