बौना रोग
रोगी पौधे बौने रह जाते हैं तथा सन्तरी या भूरे रंग के हो जाते हैं। यह रोग काबली चने की अपेक्षा देसी चने में अधिक लगता है। जोड़ वाले स्थान पर थोड़ा चाकू से तिरछा काटने पर अन्दर से भूरा-सा दिखार्इ देता है।
विषाणु रोग से बचाव
• भूमि की नमी का ठीक ढंग से संरक्षण तथा 10 अक्तूबर के बाद चने की बिजार्इ करने से इस रोग से बचाव हो