खाद प्रबंधन 

खाद की मात्रा 
(खाद मिट्टी की जांच के आधारपर डालें)
 
  
|   
 किस्में      |   
  
 पोषक  तत्व (किलोग्राम /एकड़)     |   
  
 उर्वरक (किलो/एकड़)     |  
 
  
 |   
  
 नाइट्रोजन            |   
  
 फास्फोरस      |   
  
 पोटाश     |   
  
 जिंक  सल्फेट (21%)     |   
  
 यूरिया     |   
  
 सिंगल  सुपर फास्फेट     |   
  
 म्यूरेट  ऑफ पोटाश     |  
 
  
|   
 बौनी बासमती     |   
  
 36     |   
  
 12     |   
  
 ----     |   
  
 10     |   
  
 80     |   
  
 75     |   
  
 -----     |  
 
  
|   
 लम्बी बासमती     |   
  
 24     |   
  
 12     |   
  
 ----     |   
  
 10     |   
  
 50     |   
  
 75     |   
  
 ------     |  
खाद देने का तरीका 
बासमती की वर्तमान किस्मों को उर्वरकों की अधिक मात्रा की आावश्यकता नहीं होती।फास्फोरस व जिंक की पूरी मात्रा लेव बनाते समय डालें।लम्बी बासमती में नाइट्रोजनको 2 बार में बराबर-बराबर मात्रा में रोपार्इ के 3 व 6 सप्ताह बाद डालें। बौनी बासमती में एक-तिहार्इ नाइट्रोजन की मात्रा लेव बनाते समय तथा बाकी नाइट्रोजन दो बार बराबर-बराबर मात्रा में रोपार्इ के3 व 6 सप्ताह बाद डालें। ध्यान रहे नाइट्रोजन उर्वरक उस समय दें जब खेत में पानी खड़ा न हो।सायंकाल को ही यह खाद डालें।
हरियाणाके धान-गेहूँ उगाने वाले क्षेत्रों में 6 टन प्रति एकड़ गोबर की खाद या ढैंचा की हरी खाद देकर बासमती धान की उतनी ही उपज मिलजाती है जितनी कि सिफारिश की गर्इ उर्वरक के प्रयोग करने पर मिलती है।