लालड़ी

लालड़ी के प्रौढ़ पीले रंग के और चमकीले होते हैं तथा सूण्डियां (लटें) क्रीम रंग की होती हैं।
प्रौढ़ सूिण्डयां पत्तियों में गोल सुराख करती हैं।
सूण्डियां जमीन में रहकर जड़ें काटकर पौधों को नुकसान पहुंचाती हैं। इसके प्रकोप से छोटे पौधे पूर्णतया मर जाते हैं।
मार्च के दूसरे पखवाड़े से अप्रैल के पहले पखवाड़े तक तथा मध्य-जून से अगस्त तक इसका अधिक प्रकोप रहता है |

रोकथाम 
5 किलोग्राम कार्बेरिल 5 डी + 5 किलोग्राम राख का प्रति एकड़ धूड़ा करें या
25 मि.ली. साइपरमेथ्रिन 25 ई.सी./60 मि.ली. साइपरमेथ्रिन 10 ई.सी. या 30 मि.ली. फेनवलरेट 20 ई.सी. या 100 ग्राम कार्बेरिल 50 घु.पा. को 100 लीटर पानी में घोल कर एक एकड़ में छिड़काव करें।
लालड़ी की लटों (ग्रब्स) से बचाव के लिए 1.6 लीटर क्लोरपाइरीफास 20 ई.सी. को बिजाई के एक महीने बाद सिंचाई के साथ लगाएं