तरार्इ बेधक

       

 

Ø  इसकी सूण्डी के शरीर पर लम्बार्इ में पांच धारियां होती हैं।

Ø  फसल की प्रारम्भिक अवस्था में आक्रमण से छोटे पौधे पूरे सूख जाते हैं।

Ø  वर्षाकाल के बाद सूण्डियां पोरियों में घुसकर अन्दर ही अन्दर सुरंग बना कर खाती रहती हैं। खाया हुआ गन्ना अन्दर से लाल हो जाता है।

Ø  गिरे हुए गन्ने, ज्यादा सिंचार्इ अधिक नत्रजन प्रयोग से इस कीट का प्रकोप बढ़ता है।

Ø  तरार्इ बेधक सितम्बर से लेकर फसल की कटार्इ तक गम्भीर नुकसान करता है पूरे गन्ने में सुराख कर देता है।

Ø  जड़बेधक का अधिक प्रकोप सितम्बर से नवम्बर तक होता है।