रतुआ रोग

 रतुआ रोग  

पत्तों की निचली सतह पर पीले अथवा संतरी रंग के उभरे हुए धब्बे दिखाई देते हैं। पछेती फसल में यह रोग ज्यादा हानिकारक है।

रोकथाम 
फसल पर इण्डोफील एम-45 नामक दवा को 400 ग्राम प्रति एकड़ या कैलेक्सिन 200 मि.ली. प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में मिलाकर 10 दिन के अन्तर पर 2-3 बार छिड़काव करें।