बीज उपचार

गेहूंकी बिजाई के लिए विश्वविधालय द्वाराअनुमोदित किस्मों का प्रमाणित साफ,शुद्धतथा स्वस्थ बीज का प्रयोग करें। 

पछेती बिजाई  की अवस्था में शीघ्र व अधिक जमावतथा फुटाव के लिए बीज को रातभर (लगभग12 घंटे) पानी में भिगोएं। 

भिगोने वाले बर्तन मेंपानी का स्तर बीज से दो सैं.मी. ऊपरर खें। बीज को पानीसे निकालने के बाद दो घंटे चटाई या फर्श पर छाया में सुखाएं।तत्पश्चात् बीज कोअनुमोदित कीटनाशक,फफूंदनाशक व जैविक खाद से उपचारित कर फरकराहोने पर एक घंटे बाद बिजाई  करें।


बीज जनितबिमारियों से बचाव के लिए बिजाई से पहले 2 ग्राम वीटावैक्स या बाविस्टिन या 1ग्रामटैब्यूकोनाजोल (रैक्सिल-2डी.एस.) या 2ग्राम थाइरम प्रति किलोग्राम बीज की दर सेसूखा उपचार करें । 

सुत्रकृमिप्रभावित इलाकों में अच्छी पैदावार लेने के लिए एजोटोबैक्टर तथा फास्फोरस टीके कीएक शीशी (50मि.ली.) प्रति 10 किलोग्राम बीज की दर से या चार पेकेट एजोटोबैक्टर(प्रत्येक 200 ग्राम) व चार पैकेटफास्फोरस टीका (पी एस बी) प्रति 40 किलोग्राम बीज का प्रयोगकरे। 

इस बीज को छाया में सुखा कर बोयें। दीमक की रोकथाम केलिए 60 मि.ली. क्लोरपाइरीफॉस 20 .सी. या 200 मि.ली. इथियोन 50 ई .सी. फॉसमाइट 50ई.सी.) को 2 लीटरपानी में मिलाकर  40 किलोग्राम गेहूँ के बीजको  उपचारित करें।