• यह देर से की जाने वाली बिजाई, अधिक उपजाऊ व सिंचितक्षेत्र के लिए उपयुक्त
• अधिक फुटाव, मजबूत तना तथा न गिरने वाली
• दाने मध्यम आकार, सख्त व शरबती
• भूरा व पीला रतुआ रोगग्राही
• औसत पैदावार 18.4 क्विंटल /एकड़