सामूहिक रोग उपचार

1. हरियाणा कृषि विश्वविधालय द्वारा सिफारिश की गई मक्की की रोगरोधी किस्में लगायें
।
2. मक्की की बिजाई करने से पहले बीज को चार ग्राम थायरम प्रति किलोग्राम के हिसाब से अवश्य उपचारित करे
।
3. जब फसल 5 से 7 सप्ताह की हो जाये तब 150ग्राम कैप्टान और 33 ग्राम
स्टैबल ब्लीचिंग पाऊडर को 100 लीटरपानी में मिलाकर घोल बनायें तथा
इससे पौधों की जड़ों के पास कीमिट्टी गीली कर दें।
4. जब फसल घुटनों तक ऊंची हो जाये तो पत्तों की अंगमारी व अन्यरोगों से
बचाव के लिए 600ग्राम जीनेब या मैन्कोजेब (इण्डोफिल एम-45) को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।यदि जरूरत पड़े तो इसी क्रिया को 10-15 दिन बाद फिर दोहरायें।
5. जब फसल 5 से 7 सप्ताह की हो जाये तब ग्रसित तनों वाले पौधों को उखाड़ दें व नष्ट कर दें।
6. सेम से बचाएं व पौधों की निश्चित संख्या ही रखें।