तना छेदक (पीला, सफेद व गुलाबी तना छेदक)
इस कीड़े का आक्रमण अन्य किस्मों की अपेक्षा बासमती किस्मों में अधिक पाया जाता है। यह कीड़ा जुलार्इ से अक्तूबर तक हानि पहुंचाता है । गोभ की अवस्था से पहले आक्रमण होने पर पौधों की गोभ सूख जाती है जबकि गोभ में या बालियां निकलने के बाद आक्रमण होने पर पूरी बाल ही सूख जातीहै। इन बालियों में दाने नहीं बनते और ऐसे पौधों की बालियां खेत में सीधी खड़ी एवं सफेद नजर आती हैं।
अनुकूल मौसम : तापमान 25 डिग्री से 33 डिग्री सैल्सियस व हवा में नमी 45 से 87%
सामान्य धान में तना छेदक सुंडी की रोकथाम
500 मि.ली. मिथाइल पैराथियान 50 र्इ.सी./मोनोक्रोटोफास 36 एस. एल. या 1 लीटर क्लोरपाइरीफास 20 र्इ.सी. (डरमेट/लीथल/फोरस) के रोपार्इ से 30, 50 या 70 दिन बाद दो छिड़काव करें अथवा 7.5 किलोग्राम कारटाप हाइड्रोक्लोराइड (पदान/सेनवैक्स) 4 जी. या 7.5 किलोग्राम फिप्रोनिल (रीजेन्ट/मोरटल) 0.3 जी. को 10 किलो सूखी बालू (रेत) में मिलाकर पौधरोपण के 30 व 50 दिन बाद प्रति एकड़ फसल में डालें। इस कीट की रोकथाम 5 किलोग्राम फोराटॉक्स 10 जी प्रति एकड़ रोपार्इ के 30, 50 व 70 दिन बाद 10 किलोग्राम रेत में मिलाकर खड़े पानी में डालने से भी की जा सकती है। ।