आडू का पत्ती लपेट अल
आडू का पत्ती लपेट अल यह आडू का विनाशकारी कीट है तथा नाशपाती, अलूचा और बादाम पर भी पाया जाता है।
इसके गहरे-भूरे रंग के शिशु और पीले रंग के प्रौढ़ विकसित हो रहे प्ररोहों एवं मुलायम पत्तियों से रस चूसते हैं।
क्षतिग्रस्त टहनियों की पत्तियां मुड़ जाती हैं।
फल छोटे रहकर पकने से पूर्व ही गिर जाते हैं।
नवम्बर से पंखदार मादा पुष्पकली के आधार पर अंडे देती हैं और इस अवस्था में यह कीट शीतनिष्क्रिय रहता है।
बसंत (फरवरी-मार्च) में यह पुष्पकलियों को क्षतिग्रस्त करता है और बाद में मुलायम पत्तियों पर चला जाता है।
अप्रैल-मई तक इसकी तीन पीढ़ियां हो जाती हैं।
इस कीट के अतिरिक्त अल की एक और जाति माइजस परसिकी अप्रैल से जून तक कलियों, पत्तों और नवजात फलों से रस चूसकर आडू को नुकसान पहंुचाती है।
नियन्त्रण एवं सावधानियां
1. नए फुटाव से पहले, 500 मि.ली. डाइमेथोएट (रोगोर) 30 ई.सी. को 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें।
2. जब फल मटर के दाने के बराबर हो जाएं तब इस कीटनाशक का दूसरा छिड़काव करें। यदि जरूरत हो तो छिड़काव 15 दिन बाद फिर से करें।