पत्ती मरोड़ व काली धारियों वाला तथा मोजैक आदि विषाणु रोग

पत्ती मरोड़ व काली धारियों वाला तथा मोजैक आदि विषाणु रोग
लक्ष्ण 

पौधों की बढ़वार रुक जाती है, पत्तियां मोटी, भद्दी, मुड़ी हुई हो जाती हैं।
तने पर धारियां पड़ जाती हैं।
फल बहुत ही छोटा रह जाता है जो मरा हुआ-सा दिखाई देता है।

रोकथाम 

क)
स्वस्थ और रोगरहित बीज लें।
(ख)
बीमारी फैलाने वाले कीड़ों की नर्सरी व खेतों में रोकथाम करें। 10-15 दिन के अन्तर पर कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करें, जैसा कि सफेद मक्खी की रोकथाम के लिए बताया गया है। रोगी पौधों को आरम्भ में ही निकाल कर नष्ट कर दें।

जड़ गांठ रोग

जड़ गांठ रोग लक्ष्ण 
जड़ों की गांठों वाले सूत्रकृमि से ग्रस्त पौधे पीले  पड़ जाते हैं तथा उनकी बढ़वार रुक जाती है। 
पौधों की जड़ों में गांठें बन जाती हैं या वे फूल जाती हैं।
रोकथाम
इसकी रोकथाम के लिए नर्सरी में कार्बोफ्यूरान (फ्यूराडान-3 दानेदार) 7 ग्राम प्रति वर्ग मीटर भूमि में मिलायें। 
मई व जून में खेत की 2 से 3 गहरी जुताइयां (10 से 15 दिन के अन्तर से) करने से सूत्रकृमियों की संख्या बहुत घट जाती है। 
सूत्रकृमि ग्रसित खेतों में टमाटर की हिसार ललित किस्म लगायें।