फली छेदक सूण्डी

      फली छेदक सूण्डी प्राय: हरे या पीले रंग की होती है जो पत्तियों, कलियों व फलियों (टाट) पर आक्रमण करती है। यह फलियों में बन रहे हरे बीज/दानों को खा कर नष्ट कर देती है।इस कीड़े की सूण्डी प्यूपा बनने तक लगभग 30-40 फलियां खा जाती है।

 रोकथाम: 

     400 मि.ली. क्विनलफॉस 25र्इ.सी. या 400 ग्राम कार्बेरिल 50डब्ल्यू.पी. या 200 मि.ली. मोनोक्रोटोफॉस 36 एस.एल. या 80 मि.ली. फैनवालरेट 20 र्इ.सी. या 125 मि.ली. साइपरमैथरिन 10 र्इ.सी. या 50 मि.ली. साइपरमैथरिन 25 र्इ.सी. या 150 मि.ली. डैकामैथरिन 2.8 र्इ.सी. का 100 लीटर पानी में घोल बना कर या 150मि.ली. नोवालूरॉन (रिमोन 10 र्इ.सी.) 150 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव उस समय शुरू करें जब एक सूण्डी प्रति एक मीटर लाइन पौधों पर मिलने लगे,पौधों पर 50%टांट पड़ गये हों। यदिजरूरी हो तो दूसरा छिड़काव 15 दिन बाद करें। बड़ी सूण्डियों को हाथ सेइकट्ठा करके नष्ट करें।

                                        या

      10 किलोग्रामक्विनलफॉस 1.5 डी/कार्बेरिल 5डी प्रति एकड़ का फसल में धूड़ा करें। आवश्यकता हो तो 15 दिन बाद फिर दोहराएं। खेत से चटरी मटरी खरपतवार निकाल दें।