काली कीड़ी
Ø इसके प्रौढ़ छोटे, काले रंग के व पंखों वाले होते हैं, जबकि शिशु गुलाबी व काले रंग के तथा बिना पंख वाले होते हैं।
Ø यह गोभ के अन्दर छुपकर रस चूसते हैं जिस कारण पत्ते पीले पड़ जाते हैं व उन पर आंख जैसे लाल धब्बे पड़ जाते हैं।
Ø इसका प्रकोप गर्मी व शुष्क मौसम (मई-जून ) में मोढ़ी फसल में अधिक पाया जाता है।
प्रभावित फसल की बढ़वार में कमी आती है तथा देख कर लगता है जैसे फसल में नत्रजन की कमी हो गई है | मोढी फसल में समय पर रोकथाम न होने की वजह से यह कीट बौअड फसल पर चला जाता है |