ई-मौसमएचएयू कृषि सेवा
कृषि मौसम विज्ञान विभाग
चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार (भारत)
होम
वर्तमान मौसम
मौसम पूर्वानुमान
उपग्रह चित्र
फसल प्रबंधन
खरीफ फसल
बाजरा
ग्वार
मक्की
धान
नरमा/कपास
बासमती धान
दलहनी फसलें
रबी फसल
जौ
चना
शरदकालीन मक्की
गेहूं
शरदकालीन गन्ना
सरसों
फल/फूल प्रबंधन
सब्जी उत्पादन
बेल वाली सब्जियां
टमाटर
आलू
मिर्च
प्याज
लहसुन
मटर
जड़ वाली सब्जियां-गाजर मूली शलगम
गोभी वर्गीय सब्जियां
पालक
भिण्डी
बैंगन
मसाले वाली सब्जियां
बागवानी फसलें
निम्बूवर्गीय फसलें
अमरुद
बेर
आम
आंवला
चीकू
आड़ू
नाशपाती
लीची
अंगूर
पपीता
जामुन
अनार
अलूचा
फूलों की खेती
गुलाब
ग्लैडिओलस
गेंदा
कारनेशन
रजनीगंधा
गुलदाउदी
बोगनविलिया
वार्षिक पुष्प
साप्ताहिक मौसम आधारित कृषि सलाह
खरीफ की फसल
सप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान
रबी फसल
सब्जियां व फलदार पौधे
प्रतिक्रिया
English
पौध रोपाई की विधि व समय
पौध रोपाई की विधि
अगेती फूलगोभी के लिए डोेलियां (मेड़) इच्छित दूरी पर बनाई जाती हैं और स्वस्थ पौधों की डोलियों पर रोपाई की जाती है।
मध्यम व पछेती किस्मों के लिए इच्छित आकार की समतल क्यारियों में पौधों की रोपाई की जाती है।
अन्धे पौधों (बिना कोपल के) की रोपाई नहीं करनी चाहिए।
अगेती गोभी में पौधों की अधिक से अधिक संख्या प्राप्त करने के लिए पौध रोपाई से 5-6 घण्टे पहले डोलियों के बीच हल्की सिंचाई करें।
वर्षा से भूमि कटाव द्वारा जड़ों को नंगा होने से रोकने के लिए पौधों के साथ मिट्टी चढ़ाना आवश्यक है।
उत्स्फूटन या बटनिंग (छोटे फूल) को रोकने के लिए सिफारिश की गई किस्मों की उचित समय पर बिजाई करें।पौधों की रोपाई करते समय निम्नलिखित दूरी रखें:
अगेती रोपाई
=45 x 30 सैं.मी.
दर्मियानी/
मध्यम
रोपाई =60 x 60 सैं.मी.
पछेती रोपाई
=45 x 45 सैं.मी.
रोपाई का समय
अगेती फूलगोभी के लिए पौधरोपण जून-जुलाई में किया जाता है।
मध्यम मौसम की फूलगोभी के लिए पौध-रोपण अगस्त से मध्य सितम्बर में किया जाता है।
पछेती किस्मों के लिए रोपाई नवम्बर से दिसम्बर में की जाती है।
फूल गोभी
भूमि की तैयारी
पौध तैयार करना
पौध रोपाई की विधि
खाद एवं उर्वरक
सिंचाई
खरपतवार नियंत्रण
विवर्णीकरण Blanching
कटाई
उन्नत किस्में
Sub-Footer Section