ई-मौसमएचएयू कृषि सेवा
कृषि मौसम विज्ञान विभाग
चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार (भारत)
होम
वर्तमान मौसम
मौसम पूर्वानुमान
उपग्रह चित्र
फसल प्रबंधन
खरीफ फसल
बाजरा
ग्वार
मक्की
धान
नरमा/कपास
बासमती धान
दलहनी फसलें
रबी फसल
जौ
चना
शरदकालीन मक्की
गेहूं
शरदकालीन गन्ना
सरसों
फल/फूल प्रबंधन
सब्जी उत्पादन
बेल वाली सब्जियां
टमाटर
आलू
मिर्च
प्याज
लहसुन
मटर
जड़ वाली सब्जियां-गाजर मूली शलगम
गोभी वर्गीय सब्जियां
पालक
भिण्डी
बैंगन
मसाले वाली सब्जियां
बागवानी फसलें
निम्बूवर्गीय फसलें
अमरुद
बेर
आम
आंवला
चीकू
आड़ू
नाशपाती
लीची
अंगूर
पपीता
जामुन
अनार
अलूचा
फूलों की खेती
गुलाब
ग्लैडिओलस
गेंदा
कारनेशन
रजनीगंधा
गुलदाउदी
बोगनविलिया
वार्षिक पुष्प
साप्ताहिक मौसम आधारित कृषि सलाह
खरीफ की फसल
सप्ताहिक मौसम पूर्वानुमान
रबी फसल
सब्जियां व फलदार पौधे
प्रतिक्रिया
English
सिंचाई
सिंचाई
पहली सिंचाई पौध रोपण के तुरन्त बाद तथा इसके पश्चात् आवश्यकतानुसार 8-10 दिनों के अन्तर पर करें।
टमाटर में सिंचाई मुख्यतः नाली वाली विधि से की जाती है।
टमाटर के पकने की अवस्था में सिंचाई की कमी कर दें।
तैलीया पानी के साथ जिप्सम का प्रयोग
तैलीय पानी के एक मि.ली. तुल्यांक प्रति लीटर आर.एस.सी. को निरस्थीकरण करने के लिए जिप्सम 32 किलोग्राम (80% शुद्धता) प्रति सिंचाई, प्रति एकड़ तथा 8 टन गोबर की सड़ी हुई खाद प्रति एकड़ डाली जाए तो टमाटर की फसल पर तैलीय पानी का प्रभाव कम होता है और अच्छी पैदावार ली जा सकती है।
टमाटर
उन्नत किस्में
महत्वपूर्ण जानकारी
Sub-Footer Section