सिंचाई

सिंचाई 

पहली सिंचाई पौध रोपण के तुरन्त बाद तथा इसके पश्चात् आवश्यकतानुसार 8-10 दिनों के अन्तर पर करें। 
टमाटर में सिंचाई मुख्यतः नाली वाली विधि से की जाती है। 
टमाटर के पकने की अवस्था में सिंचाई की कमी कर दें।

तैलीया पानी के साथ जिप्सम का प्रयोग 

तैलीय पानी के एक मि.ली. तुल्यांक प्रति लीटर आर.एस.सी. को निरस्थीकरण करने के लिए जिप्सम 32 किलोग्राम (80% शुद्धता) प्रति सिंचाई, प्रति एकड़ तथा 8 टन गोबर की सड़ी हुई खाद प्रति एकड़ डाली जाए तो टमाटर की फसल पर तैलीय पानी का प्रभाव कम होता है और अच्छी पैदावार ली जा सकती है।