कांट छांट
ट्रेनिंग और काट-छांट
अनार के पौधों को बुश (झाड़ीनुमा) के आकार में बढ़ने दिया जाता है और जमीन की सतह से कई मुख्य तने बढ़ने दिये जाते हैं।
इसको प्राप्त करने के लिए साईड की शाखाओं को लगाते समय काट दिया जाता है।
मुख्य तने को भी एक मीटर की ऊंचाई से काट दिया जाता है।
25 से 30 सैं.मी. कटे हुए भाग से नीचे 4-5 शाखाएं सभी दिशाओं में बढ़ने दी जाती हैं। इस प्रकार लगाने के 2-3 साल में पौधे का आकार बन जाता है।
अनार के पौधों में स्वाभाविक काट-छांट की आवश्यकता नहीं होती।
केवल शक्ल और आकार देने के लिए ही काट-छांट की जाती है लेकिन आगे के भाग को ज्यादा काटने से फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है और पत्तों की ज्यादा बढ़वार हो जाती है।
अन्दर वाले भाग में फल नहीं लगते। अच्छा ढ़ांचा (आकार) और फसल लेने के लिए प्रत्येक वर्ष नई शाखाएं पौधों के चारों तरफ लेनी चाहिएं।