तोड़ाई उपरांत प्रबंधन

तोड़ाई उपरान्त रख-रखाव

अंगूर तोड़ने के पश्चात् नहीं पकते। इसलिए इन्हें पूरी पकी हुई अवस्था में तोड़ना चाहिए।
अच्छी किस्म के अंगूरों के अच्छे दाम मिलते हैं। गुच्छे के पकने का अन्दाजा गुच्छे के आखरी अंगूरों को देखकर लगाया जा सकता है।

गुच्छे को तोड़ते समय उन्हें केवल तने से पकड़ना चाहिए ताकि इसकी वास्तविकता न बिगड़े।

गुच्छे को बेल से तोड़ने के लिए किसी तेज कैंची का प्रयोग करना चाहिए। तोड़ाई हमेशा सुबह या देर शाम के समय करनी चाहिए।

डिब्बाबन्दी से पहले गुच्छे में से टूटे, सड़े तथा खराब अंगूर के दानों को निकाल देना चाहिए।

गुच्छों को उनके आकार तथा कुल घुलनशील तत्वों के आधार पर अलग-अलग करना चाहिए।

तोड़ाई के समय कुल घुलनशील तत्व परलेट, थोम्पसन सीडलैस तथा ब्यूटी सीडलैस में क्रमशः 18-19, 20-22 तथा 17-18 होना चाहिए।