आलू का भंडारण

भण्डारण 
आलू की खुदाई करने के पश्चात् कटे एवं भद्दी शक्ल वाले कन्दों को अलग करें।
शेष आलुओं को किसी कमरे में ढेर लगाकर 10-15 दिन के लिए रखें। आलुओं को ऊपर से ढकना आवश्यक है वरना इनके हरे हो जाने का भय रहता है।
आलुओं के संसाधन के लिए उन्हें अनुकूलतम तापमान 20 डिग्री सैंटीग्रेड दें।
आर्द्रता की मात्रा भी अधिक होनी चाहिए। आर्द्रता की मात्रा बढ़ाने के लिये ढेर के ऊपर थोड़ा-थोड़ा पानी छिड़का जा सकता है।
यदि कमरे में तापमान अधिक हो तो कूलर का प्रयोग करके तापमान को कम व आर्द्रता को अधिक किया जा सकता है।
खाने के लिए 3-4 मास तक तो घरों में आलू किसी ठंडे हवादार स्थान पर रखे जा सकते हैं।
भण्डारण करने से पहले आलुओं की दर्जाबन्दी करें तथा बोरियों में भरकर शीतगृह में भेजें।
कटे हुए आलुओं को निकालकर बाजार में बेच देना चाहिए। 
शीतगृह  में  तापमान और नमी की सबसे अच्छी अवस्था 0-4 डिग्री सैंटीग्रेड तापमान और 75 से 80 प्रतिशत आपेक्षित आर्द्रता है।