सिंचाई

 सिंचाई

अगेती किस्मों की 5-6 दिन के अन्तर से तथा पछेती किस्मों में 10-15 दिन के अन्तर से सिंचाई करनी चाहिए। फूल (कर्ड) बनते समय खेत में काफी नमी होनी चाहिए। अतः इस समय सिंचाई अवश्य करनी चाहिए। यदि फूलगोभी देर से लगाई गई हो तो सिंचाई कम अन्तराल पर करनी चाहिए।

तैलीया पानी के साथ जिप्सम का प्रयोग

तैलीय पानी के एक मि.ली. तुल्यांक प्रति लीटर आर.एस.सी. को निरस्थीकरण करने के लिए जिप्सम 32 किलोग्राम (80% शुद्धता) प्रति सिंचाई, प्रति एकड़ तथा 8 टन गोबर की सड़ी हुई खाद प्रति एकड़ डाली जाए तो फूलगोभी की फसल पर तैलीय पानी का प्रभाव कम होता है और अच्छी पैदावार ली जा सकती है।