सिंचाई प्रबंधन

  •  कपास की फसल की वर्षा के हिसाब से 3 से 4 बार सिंचाई करनेकी आवश्यकता पड़ती है। 

  • पहली सिंचाई जितनी देर से की जाए अच्छी है परन्तु फसल को नुकसान नहीं होना चाहिए। 

  • शेष सिंचाइयां 2 या 3 सप्ताह के अन्तर पर करनी चाहिएं। फूल और फल आते समय सिंचाई अवश्य करनी चाहिए अन्यथा फसल पर बुरा प्रभाव पड़ता है और फल-फूल झड़ जायेंगे, जिससे उपज कम हो जायेगी। 

  • आखिरी सिंचाई एक-तिहाई टिण्डों के खुलते ही कर दें। इसके बाद कोई सिंचाई  करें।

  • कपास में डोलियां बनाकर सिंचाई करें ताकि कम पानी में ज्यादा क्षेत्र में सिंचाई की जा सकती  है। यदि बारिश ज्यादा हो जाए तो जलनिकास भी आसानी से किया जा सकता  है।