आम का गोभ छेदक

आम का गोभ छेदक आम के नवजात कलम किए पौधों का बहुत विनाशकारी कीट है। 
इसकी सूंडियां पीले-नारंगी रंग की होती हैं तथा उनके वक्ष गहरे-मटमैले, भूरे रंग के होते हैं। 
प्रारम्भ में नवजात सूंडियां पत्तियों की मध्य-शिराओं में छेद बनाकर खाती हैं तथा बाद में मुलायम प्ररोहों (शूट्स) के बढ़ते हुए भागों में सुरंग बनाकर भीतर ही भीतर 8-10 दिनों तक खाती हैं।
इसके छोटे एवं गोल प्रवेश द्वार से मलमूत्र निकलता रहता है। 
क्षतिग्रस्त प्ररोह नीचे की ओर लटक कर सूख जाती हैं और पत्तियां गिर जाती हैं। अन्त में पूरी नई बढ़वार सूख जाती है। 
यह कीट जुलाई से अक्तूबर तक सक्रिय रहता है जिसमें इसकी 3-4 पीढ़ियां होती हैं। 
नवम्बर से मार्च तक यह प्यूपा के रूप में शीत निष्क्रिय रहता है। 
पुराने वृक्षों को यह ज्यादा हानि नहीं पहुंचाता।


नियन्त्रण एवं सावधानियां 

1. क्षतिग्रस्त टहनियों एवं प्ररोहों को तोड़कर नष्ट कर दें।

2.  नई टहनियों एवं प्ररोहों पर 250 मि.ली. मिथाइल पैराथियान (मैटासिड) 50 ई.सी. 
या 
300 मि.ली. मोनोक्रोटोफास (नुवाक्रान) 36 डब्ल्यू. एस. सी.
या 
125 मि.ली. डाइक्लोरवास (नुवान) 76 ई.सी. 
या 
1.0 कि.ग्रा. कार्बेरिल (सेविन) 50 डब्ल्यू.पी.
या 
400 मि.ली. डाईमेथोएट (रोगोर) 30 ई.सी. 
को 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें।