चित्तीदार व गुलाबी सूण्डी

चित्तीदार व गुलाबी सूण्डी जुलार्इ से अक्तूबर तक फलीय भागों (कलियां, फूल व टिण्डे) पर आक्रमण करती हैं। प्रभावित फलीय भाग गिर जाते हैं तथा टिण्डे काने हो जाते हैं जो ठीक से नहीं खिलते।

अनुकूल मौसम: चित्तीदार सूण्डी के लिए दिन का औसत तापमान 24 से 26 डिग्री सेल्सियस तथा हवा में नमी 95 से 100 प्रतिशत हो तथा गुलाबी सूण्डी के लिए दिन का औसत तापमान 20 से 23 डिग्री सेल्सियस तथा हवा में नमी 52 से 72 प्रतिशत हो ।


 

रोकथाम:

       चित्तीदार सूण्डी लगी हुई झुकी सूख रही टहनियों तथा गुलाबनुमां फूलों को सप्ताह में दो बार काटें तथा इकट्ठा करके नष्ट कर दें ताकि कलियों टिण्डों पर चित्तीदार सूण्डी गुलाबी सूण्डी का आक्रमण कम हो। चित्तीदार गुलाबी सूण्डी से प्रभावित कलियों, फूलों टिण्डों (गिरे पौधों पर लगे हुए) को इकट्ठा कर गहरा दबा दें या नष्ट कर दें। अमेरिकन सूंडियों को इकट्ठा कर कीटनाशक मिश्रित पानी में नष्ट कर दें

       कीटनाशक से रोकथाम:

       जुलाई अंत से मध्य अगस्त तक चित्तीदार गुलाबी सूण्डी का प्रकोप हो तो निम्न कीटनाशकों में से कोई 600मि.ली. क्विनलफास (एकालक्स) 25 र्इ.सी. या 650 मि.ली. एकालक्स 20 . एफ. या इथियान (फास्माइट) 50 र्इ.सी.या 600 700 मि.ली. प्रोफैनोफास (क्यूराक्रान/प्रोफेक्स,सैल्क्रान, केरिना) 50 र्इ.सी. या 75 मि.ली. स्पाइनोसैड (ट्रैसर) 45 एस. सी. या एक किलो/लीटर नीम (अचूक/निम्बीसीडीन) को 150से 175 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें।

       मध्य अगस्त से मध्य अक्तूबर तक प्रकोप हो तो () 700 से 900 ग्राम कार्बेरिल 50  घु.पा. या सेविन फ्लो 42 % या 500से 650 मि.ली. मोनोक्रोटोफास 36 एस. एल.न्यूवाक्रान/मोनोसिल/लूफास/मिलफास) या 800- 1000 मि.ली. क्विनलफास 25 र्इ.सी. या 900 से 1100मि.ली. क्विनलफास 20 . एफ या 500 से 600मि.ली. ट्रार्इएजो-फास (होस्टाथियान) 40 र्इ.सी. या 800मि.ली. प्रोफेनोफास (क्यूराक्रान सैल्क्रान, केरिना) 50 र्इ.सी. या 75 मि.ली. स्पार्इनोसेड (ट्रेसर)45 एस. सी. या 250-300 ग्रा. थायोडिकार्ब (लार्विन) 75 घु.पा. या एक लीटर नीम (अचूक /निम्बीसिडिन) को 175 से 200 लीटर पानी में मिलाकरप्रति एकड़ 4 से 5 बार छिड़कें।या

       () 80 से 100मि.ली. सार्इपरमैथरीन (सार्इपरकिल/सिम्बुश/हिल-सार्इपरीन/सार्इपरगार्ड)25 र्इ.सी. या 200 से250 मि.ली.सार्इपरमैथरिन (रिपकार्ड/सिल-कार्ड/सार्इपरगार्ड)10 र्इ.सी.या 100 से125 मि.ली. फैनवैलरेट (फैनवाल/सुमीसीडीन/एग्रोफेन/मिलफेन) 20 र्इ.सी. या 160 से200 मि.ली.डेकामैथरीन (डैसिस) 2.8 र्इ.सी. या 100-125 मि.ली. एल्फामैथरीन (एलफागार्ड) 10 र्इ.सी. या 120-150मि.ली. फ्लूवैलीनेट 25 र्इ.सी. को 175 से 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिडकाव करे परन्तु यह ध्यान रखें कि (ख) कीटनाशकों का छिडकाव दो  से अधिक  बार न करें 

नोट : जुलाई-अगस्त में देसी कपास पर  चित्तीदार सूण्डी का प्रकोप अधिक हो जाता है तब फेन्वेलरेट का बारी-बारी से छिडकाव करना चाहिए। 

ध्यान दें : इन ऊपरलिखित कीटनाशकों के प्रयोग से नरमा/कपास में चितिदार व गुलाबी सूंडी के साथ साथ कुबड़ा कीड़ा एवं अमरीकन सूंडी से भी बचाव हो जाता हैं।