हरा तेला

हरा तेला पत्तों से रस चूस कर पौधों की बढ़वार, गुणवत्ता तथा उपज को कम करते हैं।यह पत्तों की निचली सतह पर पाया जाता है । इसके प्रकोप से पतियों के किनारें मुड़ने व पीले पड़ने लग जाते हैं| यह जुलाई-अगस्त में सर्वाधिक हानि पहुंचाता है| 

अनुकूल मौसम: दिन का औसत तापमान 32 से 34 डिग्री सेल्सियस तथा हवा में नमी 80 से 90 प्रतिशत हो ।

आर्थिक कगार : पत्तों की निचली सतह पर जब दो शिशु प्रति पत्ता व 20 प्रतिशत पत्तियों के किनारें मुड़ने या पीले पड़ने लगे जब स्प्रे अवश्य करें ।

 

रोकथाम

       मई अंत से जुलाई तक  हरे तेले का प्रकोप हो तो 40 मि.ली.ईमिडाक्लोपरिड 200 एस एल (कोन्फीडोर) या 40ग्राम थायामीथोक्साम 25 घु.दाने (एकतारा) को 120से 150 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ फसल में छिड़काव करें।

       जुलाई अंत से मध्य अगस्त  तक  हरे तेले का आक्रमण अधिक हो जाये तो छिड़काव के लिए  600 ग्राम कार्बेरिल 50 घु.पा. या 800मि.ली. लिन्डेन 20 ई सी या 75 मि.ली. स्पाईनोसेड (ट्रेसर ) 45 एस सी या 1 लिटर नीम (अचूक या निम्बिसिडीन)  को 150 से 175 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें।

  • यदि अगस्त सितम्बर माह में हरे तेले का आक्रमण अधिक हो जाए तो उपरलिखित कीटनाशकों में से चुनी हुई कीटनाशक के साथ 400 मिलीलीटर रोगोर या 500 मिलीलीटर मेटासिस्टाक्स या 40 मिलीलीटर कोन्फीड़ोर या 40 ग्राम एकतारा को 200 लिटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिडकाव करे