चारकोल गलन के लक्ष्ण एवं रोकथाम

चारकोल गलन के लक्ष्ण
आलू के कन्दों की आंखों के चारों ओर काले धब्बे बन जाते हैं जो सारे कन्द को काला बना देते हैं। भण्डारगृृह में रखे आलुओं में भी यह रोग लग जाता है। यदि आलू जमीन में ही रहने दिये जायें और बाद में मौसम आने पर ही इन्हें खोदा जाए तो जमीन में यह रोग फैल जाता है। आलू के कन्द चारकोल जैसे काले पिण्ड के रूप में बदल जाते हैं। ऐसी बीमारी वाली फसल के आलू कभी भी बीज के लिये प्रयोग नहीं करने चाहियें।
चारकोल गलन की रोकथाम
आलू की केवल अगेती किस्म लगानी चाहिए। अधिक गर्मी पड़ने से पहले ही मध्य-मार्च में फसल को खोद लेना चाहिए। बड़े आकार के आलू संरक्षण के लिए प्रयोग नहीं करने चाहिएं। शीत भण्डारों में ही आलू भण्डार करें। यदि खुदाई करने में देरी हो तो मिट्टी को सिंचाई द्वारा ठण्डा रखने से ये ठीक रहते हैं। आलू के बीज का 0.25ः ऐरेटान/ऐमीसान के द्वारा उपचार करें जैसा कि काला कोढ़ रोग में बताया गया है।