पछेती अंगमारी के लक्ष्ण एवं रोकथाम

पछेती अंगमारी के लक्ष्ण 
इस बीमारी के चिह्न सर्वप्रथम पत्तों के ऊपर काले-काले चकत्तों के रूप में दिखाई देते हैं, जो बाद में बढ़ जाते हैं और कुछ ही दिनों  में पत्ते मर जाते हैं। यह स्थिति नम मौसम में होती है। प्रभावित पत्तों से बदबू आती है। जमीन में आलू के कन्द भी इस रोग से प्रभावित हो जाते हैं और फसल तैयार होने से पहले ही नष्ट हो जाती है।चुने हुए प्रमाणित तथा स्वस्थ बीज का ही प्रयोग करना चाहिए।
पछेती अंगमारी की रोकथाम
मैन्कोजेब (इन्डोफील एम-45) या मैनजेब दवा 600-800 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से 4-5 छिड़काव हर 15 दिन के बाद करें। जब मौसम ठण्डा तथा आर्द्र हो तो ये छिड़काव 7 दिनों बाद भी किये जा सकते हैं।