बिजाई के समय बीज उपचार

बिजाई के समय राइजोबियम केटीके से उपचार:

      चने कीअच्छी पैदावार लेने के लिए बिजार्इ से पहले बीज का राइजोबियम के टीके से उपचार करें।इस उपचार से जड़ों में ग्रन्थियां अच्छी बनती हैं। राइजोबियम का टीका करने का ढंग इस प्रकार है: 50-60 ग्राम गुड़ को 2 कप पानी में घोल लें। फिर इस घोल को एक एकड़ के बीजों में मिला दें। गुड़ लगे बीजों पर चने के टीके को डाल कर हाथ से मिलाएं ताकि द्रव्य बीजों पर अच्छी तरह लग जाए।इसके बाद उपचारित बीज को छाया में सुखा कर बीजें।

नोट: राइजोबियम का टीका हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के  माइक्रोबायोलॉजी विभाग एवं किसान सेवा केन्द्र नजदीक गेट न 0 4  हकृवि हिसार  से प्राप्त किया जा सकता है। टीके की बोतल के ऊपर ही इस के प्रयोग सम्बन्धी सारा ब्यौरा भी दिया गया है।

दीमक की रोकथाम के लिए बीज उपचार:

यह कीट फसल की बिजार्इ से कटार्इ तक भारी मात्रा में हानि पहुंचाता है। यह हल्की रेतीली भूमि तथा अर्ध-नमी की अवस्था में अधिक सक्रिय रहता है।  850 मि.ली. मोनोक्रोटोफॉस 36 एस.एल. या 1500 मि.ली. क्लोरपाइरीफॉस 20 र्इ.सी. को पानी में मिलाकर दो लीटर घोल बना लें। फिर इस घोल को एक क्विंटल बीज पर छिड़कें तथा बीज को एक सार उपचारित करने के लिए अच्छी तरह मिलाएं। बीज को बोने से पूर्व रात भर ऐसा ही पड़ा रहने दें।

नोट      पिछली फसल के ठूंठों को खेत से अवश्य निकालदें व गोबर की कच्ची खाद का प्रयोग बिल्कुल भी न करें।