अष्टपदी माईट

अष्टपदी माईट मुलायम शरीर, आकार में बहुत सूक्ष्म एवं बहुत धीरे चलने वाली यह अष्टपदी पत्तियों की निचली सतह पर रह कर मुख्य अथवा अन्य शिराओं के पास रस चूसती है।
ग्रसित पत्तियां हल्के-पीले रंग की हो जाती हैं तथा बाद में इसका रंग मटमैला भूरा हो जाता है।
अधिक प्रकोप से पौधों की बढ़वार व ताकत पर विपरीत असर होता है। यह माइट गर्मी एवं सूखे मौसम में सक्रिय रहती है।

नियन्त्रण एवं सावधानियां

500 मि.ली. मैलाथियान (साइथियान) 50 ई.सी./डाइमैथोएट (रोगोर) 30 ई. सी.
या
425 मि.ली. फोजालीन (जोलोन) 35 ई.सी.
को 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़कें।