अनार की तितली

अनार की तितली 

अनार के अतिरिक्त कभी-कभी सेब, अमरूद, बेर, आडू, आलूबुखारा, लीची, लोकाट, नींबू, आदि पर भी इस कीट का आक्रमण हो जाता है।
पूर्ण विकसित सूण्डी गहरे-भूरे रंग की होती है। जिस पर हल्के धब्बे और छोटे बाल होते हैं तथा इसकी लम्बाई 1.5 से 2 सैंटीमीटर तक होती है।
तितली फलों पर अण्डे देती है जिनमें से सूण्डियां निकलकर फलों में छेदकर अन्दर चली जाती हैं एवं बीजों और गूदे को खाती हैं।
सूण्डी अपने मल-मूत्र से प्रवेश छिद्र बंद कर देती है तथा ये छिद्र मल मूत्र की उपस्थिति में आसानी से फलों पर पहचाने जा सकते हैं। 
इन छिद्रों के कारण फलों पर जीवाणु और फफूंदी का प्रकोप हो जाता है एवं अन्ततः क्षतिग्रस्त फल सड़ने लगते हैं।
सूण्डियां 18-47 दिनों में पूर्ण विकसित हो जाती है इस कीट की मार्च से अगस्त (मुख्य फल मौसम) तक 2-3 पीढ़ियां होती हैं तथा नवम्बर से फरवरी (शीत फल मौसम) में भी यह कीट सक्रिय रहता है।

नियन्त्रण एवं सावधानियां

1.फल बनने के बाद या तितली के आक्रमण पर प्रत्येक फल को कागज या कपड़े की थैली से ढ़क देना चाहिए।

2. सभी क्षतिग्रस्त फलों को समय-समय पर तोड़कर नष्ट कर देना चाहिए।