लाख बनाने वाला कीट

लाख बनाने वाला कीट बेर के अतिरिक्त यह कीट अंजीर, पिलखन  और  पीपल  को  भी  हानि पहुंचाता है।
लाल रंग के छोटे शिशु काफी संख्या में नरम टहनियों से रस चूसते हैं जिससे पैदावार व गुणवत्ता में भारी कमी आ जाती है।
इनका शरीर चिपचिपे  पदार्थ  से  ढ़का  होता है।
शिशुओं के त्यागे मल पर फफूंदी लग जाती है।
इस कीट का प्रकोप जून-जुलाई  से बैसाखी तक होता है।
पुरानी आक्रमित टहनियों से प्रकोप फैलने में मदद मिलती है।
जिन बागों की भली प्रकार से देखभाल नहीं होती वहां इसका प्रकोप अधिक होता है।

नियन्त्रण एवं सावधानियां

1.फल लेने के बाद, टहनियों के प्रकोपित भाग को काटकर जला दें।2.नया फुटाव आने पर, 400 मि.ली. मोनोक्रोटोफास (नुवाक्रान/मोनोसिल) 36 डब्ल्यू.एस.सी.
या
600 मि.ली. आक्सीडेमिटान मिथाइल (मैटासिस्टाक्स) 25 ई.सी. को 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से अगस्त-सितम्बर में (कातकी पर) छिड़कें।
3. बेर की मक्खी की रोकथाम के लिए जो दवाइयां सुझाई गई हैं उनके प्रयोग से इस कीड़े की बैसाखी पीढ़ी से रक्षा की जा सकती है।

पत्ते खाने वाली भूंडियां

पत्ते खाने वाली भूंडियां की विभिन्न जातियां जो बहुभक्षी हैं बेर के अतिरिक्त अंगूर व अमरूद आदि वृक्षों को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
इनका प्रकोप शुष्क व अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में ज्यादा होता है।
यद्यपि प्रौढ़ कीट वृक्षों के पत्तों को खाते हैं परन्तु इनकी सूंडियां (ग्रब्स) अनेक फसलों की जड़ों को मानसून या इससे पहले की वर्षा के बाद हानि पहुंचाती हैं।
प्रौढ़, तगड़े व भूरे चमकीले होेते हैं, तथा सांयकाल के समय जमीन से बाहर आते हैं।
सांयकाल से सुबह तक खूब खाते हैं तथा दिन निकलने से पहले (बहुत सवेरे) ही जमीन में छुप जाते हैं।
पत्तों पर गोल सुराख करके नुकसान पहुंचाते हैं।
अधिक प्रकोप की अवस्था में वृक्षों में पत्ते खत्म कर देते हैं व इस तरह के वृक्षों पर फल नहीं लगते।
प्रौढ़ की आयु लगभग एक महीना होती है व इन कीटों की साल में केवल एक ही पीढ़ी होती है।

नियन्त्रण एवं सावधानियां

1.सांयकाल 500 मि.ली. मोनोक्रोटोफास (नुवाक्राॅन/मोनोसिल) 36 डब्ल्यू.एस.सी.
या
क्विनलफास (एकालक्स) 25 ई.सी.
या
1.5 किलोग्राम कार्बेरिल (सेविन) 50 घु.पा.
को 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
छिड़काव प्रौढ़ों के निकलने के एक दिन बाद करें, जो प्रायः मानसून की पहली वर्षा के बाद निकलते हैं।
अगर नुकसान जारी रहे या छिड़काव के तुरन्त बाद वर्षा हो जाये तो उसी दिन के बाद ऊपरलिखित छिड़काव दोहराएं।

नोट: बाग के आस-पास के सभी वृक्षों पर छिड़काव करें।