श्यामवर्ण, फल-गलन या टहनी मार रोग

फलों में संक्रमण होने के फलस्वरूप बनते हुए फल छोटे, कड़े और काले रंग के होते हैं या कई बार लक्षण बहुत देर से दिखाई देते हैं।
फल पकने वाली अवस्था में फलों के ऊपर गोलाकार एक या अनेक धब्बे बनते हैं जोकि बाद में आपस में मिलकर धंसे हुए दिखाई देते हैं तथा नारंगी रंग के फफूंद उत्पन्न हो जाते हैं।
डालियों पर यदि संक्रमण हो जाए तो डालियां या शाखाएं पीछे से सूखने लगती हैं।

नियत्रण एवं सावधानियां 

रोगग्रस्त डालियों को काटकर 0.3 प्रतिशत काॅपर आक्सीक्लोराइड के घोल का छिड़काव करें और 15 दिन की अवधि पर फल लगने के बाद 2-3 छिड़काव करें।