पौध तेयार करना

टमाटर की पौध तैयार करने के लिए नर्सरी में कुछ सावधानियां आवश्यक हैं:
विशेषरूप से वर्षा ऋतु में, क्योंकि इस मौसम में आर्द्रगलन की समस्या अधिक मात्रा में देखने में आती है।
वर्षा ऋतु में नर्सरी की क्यारी उठी हुई बनायें जिससे कि पौध को अधिक वर्षा के कारण नुकसान न हो।
इस प्रकार एक एकड़ में पौध रोपने के लिए लगभग 40 क्यारियों (3.0 x 1.0 मीटर) तथा बसन्तकालीन फसल के लिए 15 क्यारियों की आवश्यकता पड़ती है।

टमाटर के बीज को बिजाई पहले 2.5 ग्राम एमीसान या कैप्टान या थाइरम नामक दवा प्रति किलोग्राम की दर से बीज को उपचार करके बोएं।

नर्सरी की क्यारियों में बिजाई करने के बाद सड़ी हुई गोबर की खाद से क्यारियों को ढक दें तथा फव्वारे द्वारा सिंचाई करें।

अधिक धूप होने पर उचित होगा कि घास-फूस से नर्सरी की क्यारियों को ढक दें तथा बीजों के अंकुरण के बाद इन्हें क्यारियों केे ऊपर से हटा दें। ऐसा करने से नर्सरी की सतह पर उचित नमी बनी रहती है जोकि बीज के उगने में मदद करती है।
गर्मी के दिनों में लगभग 4 सप्ताह में टमाटर की पौध तैयार हो जाती है जब कि सर्दी के मौसम में लगभग 8-10 सप्ताह का समय लग जाता है। नर्सरी में समय पर सिंचाई करना, खरपतवार निकालना तथा कीट प्रकोप होने पर कीटनाशक दवा का छिड़काव करना भी आवश्यक है।

बीजोपचार 

आर्द्रगलन की समस्या होने पर बीज के उगने के बाद 0.2 प्रतिशत (2 ग्राम दवा प्रति लीटर पानी में) कैप्टान से नर्सरी की क्यारियों का उपचार करें।
जड़ गांठ रोग रोकथाम के लिए नर्सरी में कार्बोफ्यूरान (फ्यूराडान-3 दानेदार) 7 ग्राम प्रति वर्ग मीटर भूमि में मिलायें।