सिंचाई

सिंचाई

बिजाई बत्तर में करें व बिजाई के बाद एक हल्की सिंचाई अवश्य करें। अंकुरण के बाद 5-7 दिनों के अन्तराल पर सिंचाई करें।
नाइट्रोजन की मात्रा डालने के बाद सिंचाई अवश्य करें।
फलोें के पकने पर सिंचाई बन्द कर दें।

तैलीया पानी के साथ जिप्सम का प्रयोग

तैलीय पानी के एक मि.ली. तुल्यांक प्रति लीटर आर.एस.सी. को निरस्थीकरण करने के लिए जिप्सम 32 किलोग्राम (80ः शुद्धता) प्रति सिंचाई, प्रति एकड़ तथा 8 टन गोबर की सड़ी हुई खाद प्रति एकड़ डाली जाए तो करेला की फसल पर तैलीय पानी का प्रभाव कम होता है और अच्छी पैदावार ली जा सकती है।