कांगियारी/कंडुआ (स्मट)


       यह भी फफूंदी के कारण होता है। रोग ग्रस्त पौधों की गौभ से चाबुक जैसी संरचना निकलती है जिसमें काले रंग के बीजाणु चाँदी रंग की झिल्ली में भरे होते हैं। ग्रसित पौधों से कल्लों का फुटाव हो जाता है जो बौने रह जाते हैं।

रोकथाम :

       रोगरहित खेत से बीज लें। रोगी पौधों को निकाल कर नष्ट
करें। नम उष्म विधि से उपचारित बीज से पैदा की हुर्इ नर्सरियों से ही बोने के लिए बीज लें।