भूरा या पत्तों का रतुआ

लक्षण :

  नारंगी रंग के गोल धब्बे (फफोले से) बेतरतीब रूप में पत्तियों कभी-कभी पत्तियों की डंठलों पर बनते हैं जो बाद में काले रंग के हो जाते हैं। 

भूरा या पत्तों का रतुआ रोग रोधी किस्में :

    डब्ल्यू एच 283, डब्ल्यू एच 542, राज 3765 डब्ल्यू एच 896 किस्में भूरा रतुआ रोग रोधी हैं।

       रोकथाम : 

   भूरा या पत्तों के रतुए के नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ 800 ग्राम जिनेब (डार्इथेन जैड-78) या मैन्कोजैब (डार्इथेन एम-45) को 250 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें। पहला छिड़काव तब करें जब कहीं-कहीं बीमारी नजर आये। बाद में 10 से 15दिन के अन्तर से 2 या 3 छिड़काव और करें।