पौध की बिजाई का समय

पौध की बिजाई का समय अक्तूबर से मध्य-नवम्बर तक।

पौध के लिए बीज की मात्रा

पौध के लिए बीज की मात्रा  4-5 किलोग्राम प्रति एकड़।

पौध तैयार करना

पौध सुरक्षा एवं अन्य कृषि क्रियाओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बीज की बिजाई कतारों में 4-5 सैं.मी. के फासले पर करनी चाहिए। 
क्यारियों की चैड़ाई 60 से 100 सैं.मी. व लम्बाई सुविधानुसार रखते हैं।
एक एकड़ के लिए 50 से 60 क्यारियां (3 x1 मी.) पर्याप्त होती हैं।
आर्द्रगलन से पौध को बचाने के लिये बिजाई से पहले बीज का उपचार थाइरम (2-3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज) से आवश्यक है।
नर्सरी की भूमि का भी उपचार इसी दवा से 4-5 ग्राम प्रति वर्गमीटर की दर से आवश्यक है।
बिजाई के बाद बीज को सड़ी तथा छनी हुई बारीक गोबर या कम्पोस्ट की खाद से ढकना चाहिए। इसके बाद फव्वारे से हल्की सिंचाई प्रतिदिन बीज अंकुरित होने तक करते हैं।
पौधे बड़े होने पर समय-समय पर नालियों द्वारा खुला पानी देते हैं।
पौध उगने के बाद आर्द्रगलन रोग से पौध को बचाने के लिए थाइरम का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फव्वारे से 15 दिन के अन्तर पर छिड़काव करना चाहिए। पौध बिजाई के 6 से 8 सप्ताह बाद रोपाई के लिए तैयार हो जाती है।
अधिक दिनों के बाद रोपाई करने पर पौधे जल्दी व्यवस्थित नहीं हो पाते और उनमें फूल वाले डंठल अधिक निकलते हैं।