फल छेदक सुंडी

फल छेदक सुंडी
लक्ष्ण : 
यह हरे या पीले-भूरे रंग की सूण्डी है।
इसके शरीर के ऊपरी भाग पर तीन लम्बी कटवां सलेटी रंग की दोनों ओर सफेद धारियां होती हैं।
ये सूण्डियां कोमल पत्तियों को खाती हैं।
कलियों, फूलों व फलों में सुराख कर देती हैं।
ग्रसित फल बाद में सड़ जाते हैं।
ये टमाटर के अलावा चना, अरहर, मटर, कपास व सूरजमुखी को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
रोकथाम एवं सावधानियां
 
इस कीट का प्रकोप होने पर नीचे लिखी किसी एक कीटनाशक का छिड़काव (200-250 लीटर पानी में) प्रति एकड़ करें। आवश्यकतानुसार छिड़काव 15 दिन के अन्तर पर दोहरायें:
क) (1)75 मि.ली. फैनवेलरेट 20 ई.सी.।
(2)200 मि.ली. डेल्टामेथ्रिन 2.8 ई.सी।
(3)60 मि.ली. साइपरमेथ्रिन 25 ई. सी./150 मि.ली. साईपरमेथ्रिन 10 ई.सी.।
(ख)(1)500 ग्राम कार्बेरिल 50 घु.पा.।
(ग)मध्य-मार्च के आस-पास पत्तों पर जैसे ही फल छेदक के अण्डे दिखाई दें तो 20,000 ट्राईकोग्रामा किलोनिस परजीवी छोड़ें व इसके चार दिन बाद पुनः 20,000 परजीवी प्रति एकड़ फसल पर छोड़ें।
इसके बाद 10-10 दिन के अंतर पर 1.0 लीटर निम्बीसिडीन, 400 ग्रा. बेसिलस थुरिनजियेंसिस (बी.टी.), 400 ग्रा., कार्बेरिल 50 घु.पा. को 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करे
सावधानियां 
नोट करें 
1.छिड़काव से पहले खाने योग्य फल अवश्य तोड़ लें।
2.कीटग्रसित फल तोड़कर मिट्टी में दबा दें।
3.जरूरत पड़ने पर बारी-बारी से ‘‘क’’ और ‘‘ख’’ में दी गई कीटनाशकों को छिडकें