आलू की फसल में खाद व उर्वरक प्रबंधन

खाद व उर्वरक 
आलू के लिए 20 टन गोबर की सड़ी खाद प्रति एकड़ की दर से बिजाई के 2-3 सप्ताह पहले खेत की तैयारी करते समय अच्छी तरह मिला दें। अगर खेत में 20 टन प्रति एकड़ के हिसाब से गोबर की खाद डाली हो तो फास्फोरस तथा पोटाश की मात्रा आधी ही डालें। वैसे तो खाद, मिट्टी की जांच करवाने के बाद ही डालनी चाहिए परन्तु आम खेत के लिए 50-60 किलोग्राम नाइट्रोजन (50 किलोग्राम अगेती तथा 60 किलोग्राम पछेती किस्मों के लिए),20 किलोग्राम फास्फोरस तथा 40 किलोग्राम पोटाश प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
अगर मिट्टी चिकनी, दोमट यारेतीली-दोमट हो तो नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश तीनों की पूरी मात्रा बिजाई के समय डालें। अगर मिट्टी हल्की रेतीली हो तो नाइट्रोजन का = भाग तथा फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा बिजाई के समय डालें तथा नाइट्रोजन की शेष मात्रा बिजाई से 25-30 दिन बाद मिट्टी चढ़ाते समय डालें।अगर  मिट्टी रिजर से चढ़ानी हो तो खाद डालने वाली मशीन से कतार पर  सतह से 5 सैं.मी. नीचे खाद डालें। अगर मशीन न हो तो बैलों द्वारा पोरे से भी खाद डाली जा सकती है। खाद डालने के बाद इस पर सुहागा लगायें ताकि खाद पर मिट्टी आ जाये। फिर इन कतारों पर आलू रखकर ट्रैक्टर या बैलों वाले रिजर से मिट्टी चढ़ाएं। अगर आलू कस्सी से लगाने हों तो कतार के दोनों ओर 4-5 सैं.मी. की दूरी पर खाद डालें तथा फिर इन कतारों पर आलू रखकर मिट्टी चढ़ाएं।